Monday, 16 April 2018

आज मझसे जुदा हुई दुनिया
जाने अब किसके घर गई दुनिया

हम जहाँ से चले वहीँ पहुंचे
और ये ख़त्म हो गयी दुनिया

इश्क़ के दुश्मनों को क्या मालूम
रोज़ मिलती है इक नयी दुनिया

आज क़ीमत है सिर्फ पैसों की
हाय बाज़ार बन गई दुनिया

देखते ही तुम्हे कहा दिल ने
हम बचेंगे अगर बची दुनिया

शबे हिज़्राँ में और क्या करता
हमने आपस में बाँट ली दुनिया

मेरे हिस्से में कुछ तेरी आई
तेरे हिस्से में कुछ मेरी दुनिया 

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