दर्दो आलाम और ग़म
के सिवा
जिंदगी क्या है
बेशो कम के सिवा
अब मेरे पास कुछ
बचा है क्या
एक बेजान से कलम के सिवा
एक बेजान से कलम के सिवा
रास्ता है तवील हस्ती का
कोई मंजिल नहीं अदम के सिवा
मस्त आँखें, ये
लब, ये हुस्न तेरा
कुछ नहीं है तेरे भरम के सिवा
और हासिल भी क्या रहा मेरा
जिंदगानी के पेंचोख़म के सिवा
कुछ नहीं है तेरे भरम के सिवा
और हासिल भी क्या रहा मेरा
जिंदगानी के पेंचोख़म के सिवा
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